कल क्या होगा किसको पता Do You Know About Tomorrow
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एक संपन्न सेठ जी थे ! खूब मेहनत से काम करते थे ! एक दिन उन्हें न जाने क्या सुझा कि अपने मुनीम को बुलाकर कहा-पता करो हमारे पास कितना धन है और कब तक के लिए पर्याप्त है ! कुछ दिन बाद मुनीम जी हिसाब लेकर आ गए और सेठ जी से बोले -जिस हिसाब से आज खर्चा हो रहा है, उसी तरह अगर आज से कोई कमाई न भी हो तो आपकी सात पीढ़ियां खा सकती है ! सेठ जी चौंक गए और पुछा - तब आठवी पीढ़ी का क्या होगा ? सेठ जी सोचने लगे और तनाव में आ गए ! फिर बीमार रहने लगे! बहुत इलाज कराया मगर कुछ फर्क नहीं पड़ा ! एक दिन सेठ जी का एक दोस्त हालचाल पूछने आया ! सेठजी बोले- इतना कमाया फिर भी आठवी पीढ़ी के लिए कुछ नहीं है ! दोस्त बोला- एक पंडित जी थोड़ी दूर पर रहते है अगर उन्हें सुबह को खाना खिलाये तो आपका रोग ठीक हो जायेगा ! अगले दिन सेठ जी भोजन लेकर पंडित जी के पास पहुचे! पंडित जी ने आदर के साथ बैठाया! फिर अपनी पत्नी को आवाज दी - सेठ जी खाना लेकर आये है ! इस पर पर पंडिताइन बोली - खाना तो कोई दे गया है ! पंडित ने सेठ जी से कहा - सेठ जी आज का खाना तो कोई दे गया, इसलिए आज का भोजन स्वीकार नहीं कर सकते ! हमारा नियम है कि सुबह के समय जो एक समय का खाना पहले दे जाये, हम उसे ही स्वीकार करते है ! मुझे क्षमा करना ! सेठ जी बोले - क्या कल के लिए ले आऊं ! पंडित जी बोले - हम कल के लिए आज नहीं सोचते ! कल आयेगा, तो इश्वर अपने आप भेज देगा ! सेठ जी घर के और चल पड़े ! सोचने लगे, कैसा आदमी है यह ! इसे कल की बिल्कुल भी चिंता नहीं है और में अपनी आठवी पीढ़ी को लेकर तो रहा हूँ ! उनकी आँखे खुल गयी ! सेठ जी सारी चिंता छोड़कर सुख से रहने लगे !
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