डाबर और पीतांजलि ग्रुप में 15 हज़ार लगाकर ३ लाख की कमाई करे
एक तरफ सर्दी का मौसम और दूसरी तरफ प्रदूषण की मार आखिर जाये भी तो कहा जाये। जहा रोजी रोटी की जुगाड़ करना मुश्किल हो जाता है एक आम आदमी के लिए वही किसान की बदहाली और बढ़ जाती है। आज आपके लिए ऐसा ही जुगाड़ लाये है आम आदमी के लिए, वैसे किसान के लिए यह और भी बेहतर जुगाड़ होगा कमाई के मामले में ।
आज हम बात कर रहे है नेचुरल प्रोडक्ट और मेडिसिन की , जिसका बाजार दिनोदिन तरक्की करता जा रहा है क्योकि जहा आम आदमी केमिकल और दूसरे मिश्रण से बनी अंग्रेजी दवाइयों के साइड इफ़ेक्ट से भाग रहा है वही वह नेचुरल प्रोडक्ट से बनी मेडिसिन की तरफ बढ़ रहा है। इस प्रोडक्ट में जहा लागत कम है वही लम्बे समय तक मुनाफा अधिक है। यहाँ हम मेडिसिन यानि दवा और उसके प्लांट की बात कर रहे है।
सबसे पहले जरूरत है पूरी जानकारी और ट्रेनिंग की
आपके पास ट्रेनिंग होना जरूरी है जिससे कि आप धोखा न खाये। सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिसिन एंड एरोमेटिक प्लांट (सीमैप ) से आप पोधो की खेती की जानकारी पा सकते है और वह लखनऊ में स्थित है। सीमैप के द्वारा ही आप कंपनियों से कॉन्ट्रैक्ट कर सकते है। इसके लिए आपको कही और ढूंढना नहीं होगा।
किसकी खेती करनी चाहिए।
मेडिसिन गुण वाली तुलसी, मुलेठी एलोवेरा एन्नुआ आर्टिमिसिया की खेती का अच्छा उदाहरण है। इनमे से कुछ को छोटे गमले में लगाकर भी आप शुरुआत केर सकते है। जहा एक तुलसी को धार्मिक मामलो के साथ जोड़कर देखा जाता है वही दूसरी और तुलसी के मेडिसिन गुण को देखते हुऐ इसका महत्व ऊचे स्थान पर है। तुलसी भी कई प्रकार की होती है, जिनमे यूजीनोल और मिथाइल सिनामोट होता है जिससे कैंसर आदि का ईलाज होता है। अगर एक हेक्टेयर जमीन पर खेती की जाये तो 15 से 20 हजार का खर्च आता है और तीन महीने बाद 3 लाख रुपए तक यह बिक जाती है।
कहा बेच सकते है और खरीदार कौन होगा ?
जैसे की आपको ऊपर बताया गया है की इसे आप लख़नऊ स्थित सीमैप के द्वारा आपसे कॉन्ट्रैक्ट करवाया जाता है और डाबर पीतांजलि और वैधनाथ जैसी कंपनी के साथ जुड़कर आप अच्छी कमाई कर सकते है।
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