सबसे बड़ा भिखारी क्या आपने कभी ईश्वर को देखा है, क्या कभी आपने अपनी सोच को देखा है, नहीं ना, पर हम सभी जानते है कि कोई तो ऐसी शक्ति है जो इस संसार को चला रही है, कोई तो ऐसा है जो हमारी श्रधा और हमारी प्रार्थ्रना से खींचा चला आता है. जब भी हम अपनी सोच से उस ईश्वर को याद करते हैं तो उसे कैसे पता चल जाता है, न तो कोई मोबाइल नंबर है, न ही फेसबुक पर है, ना तो दिखाई देता है और ना ही कोई अता पता है. फिर भी हम सभी उससे पल पल हर क्षण कुछ न कुछ मांगते रहते है. अगर मांग पूरी हो गई तो अच्छा ना मांग पूरी हुई तो बुरा। हर अच्छी बुरी बातों का मटका उसके सर पर, मालूम है ना कि पलट कर पूछने वाला नहीं। वैसे कितने आशर्चय की बात है कि हम सभी कही ना कही भिखारी है, कैसे ? सड़क पर भीख मांगने वाला को हम किस हिकारत से देखते है, क्या कभी अपने आप को उसकी जगह पर देखा है, क्यों बुरा लगा न , हम भी तो हर वक़्त हर क्षण , ना समय देखते ना ही जगह, हर वक़्त उससे मांगते रहते है, हम मांगते- मांगते नहीं थकते और वो ईश्वर देते- देते नहीं थकता। फिर भी हमारी मांगे पूरी नहीं होती, बस सारी जिंदगी मांगते र