जहाज़ का भूत
"भू ...... भू ......भूत भट्टी में भुत" कहते हुए रीना गिरने लगी। वह बुरी तरह से बौखलाई हुई थी। फ्लाइट इंजीनियर ने उसे जल्दी से दोनों हाथों में संभाल लिया फिर पूछा इतनी घबराई क्यों हो-
"भट्टी में भुत है सर"
"क्या बकवास है ? मन में एक बार को फ्लाइट इंजीनियर अर्जुन ताव खा गया और शायद उसे डांट भी देता। वह भुत जैसी धारणा पर यकीन नहीं रखता था फिर सोचा कि शायद वहां कोई छुप गया हो। अर्जुन तुरंत रीना के साथ भंडार -ग्रह जा पहुंचा।
लेकिन यह क्या ?वह भी हैरान रह गया, जब भट्टी झाकते एक चेहरे पर उसकी नजर गई।
अर्जुन को अपनी आंखों पर यकीन नहीं होता रहा था।
"जेट जलने वाला है सावधान " उस चेहरे के होंठ हिले। इसके साथ ही वह चेहरा अपने स्थान पर ही गायब हो गया। उसके कहे शब्द अर्जुन डिंक्स और रीना दोनों ने ही सुने थे।
ऐसा तो रीना ने भी होश खोया था , जैसे अर्जुन का हाल था। वह अभी भी भट्टी को घूरे जा रहा था।
रीना ने उसे कई आवाजे दी पर अर्जुन जैसे कही को गया था। आखिर में रीना ने झुंझलाकर अर्जुन को उसकी बाह पकड़कर झकोर डाला। वह पुकार थी " मिस्टर अर्जुन ...... . . . उसकी मानो नींद टूटी हो ।
अर्जुन हैरानी से कभी रीना तो कभी भट्टी के तरफ देख रहा था।कांपती आवाज में रीना ने कहा - "वह जा चूका है सर। "
हैरान आवाज में बैचनी के साथ अर्जुन बोला " नहीं यह हो नहीं सकता, वह तो मर चुका है।
"कोन सर "
र ... र ..... रंजीत ! जो भट्टी से झांक रहा था। "
" आप जानते है उसे , वह कोन है "
"ह .. ह ... हा "
"कोन था सर "
एक्स फ्लाइट इंजीनियर रंजीत "
"व्हाट ?" हैरत से रीना का मुँह खुला का खुला रह गया।
"यह हादसा 1975 का है।"
भारत का "इंडियन एयर लाइन्स का 3 स्टार आकाश में उड़ रहा था। सब यात्री दिल्ली से नूयार्क जाने के लिए यात्रा कर रहे थे।
एयर होस्टेस रीना कलाई घड़ी में निगाह डाली यात्रियों के जलपान का समय हो चुका था अपनी सीट से उठकर वह घड़ी हो गई तथा भंडार -ग्रह की तरफ बढ़ गई। ताजा और गरम रखने के लिए खाद्य पदार्थ भट्टी में रखे हुए थे उसने खाना निकालने के लिए भट्टी की तरफ हाथ बढ़ाये।
लेकिन उधर नजर पड़ते हैं उसकी घिग्घी बंद गई। गला सूख कर कांटे से चुभने लगे. वह पत्ते से थरथरा उठी।
भट्टी के शीशे के उस तरफ एक मानव चेहरा दिख रहा था "
भला भट्टी में कैसे कोई हो सकता है ?' हैरानी से मन में विचार करती हुई रीना ने डर के मारे आंखें मूंद ली. थी।
जब फिर से उसने आंखें खोली तो वहां पर कुछ भी नहीं था।
ध्यान से उसने चारों तरफ देखा कुछ भी नहीं था. उस चेहरे के दिखने को भ्रम समझते हुए उसने फिर से उधर हाथ किया।
लेकिन जैसे किसी टीवी का स्विच ऑन होने पर तस्वीर आ जाए ऐसे ही भट्टी में फिर वही चेहरा दिखने लगा, जैसे कुछ कह रहा हो , उसके होठ इस प्रकार हिल रहे थे। अब वहां एक पल भी रुकने की हालत में ना थी।
घबराहट में वह भंडार ग्रह से निकल भागी और लस्ट -पस्त में फ्लाइट इंजीनियर अर्जुन के पास पहुंची थी।
रंजीत।
फ्लाइट इंजीनियर रंजीत 1 साल पहले इंडियन एयरलाइन्स की ही कंपनी के 101 वन प्राइस की उड़ान 401 के साथ था। जिसके दुर्घटनाग्रस्त होने पर पायलट, वह स्वय और विमान में सवार 97 यात्रियों मौत की खुराक बन गए थे.
विमान के जो पार्ट्स इस हादसे में नष्ट होने से शेष बचे थे वह सब इंडियन एयरलाइंस ने अपने नए विमानों में प्रयोग किये जिस विमान की भट्टी में एयर होस्टेस ने वह चेहरा दिखा था वह हिस्सा उस दुर्घटना ग्रस्त विमान का ही था। जिस विमान के 97 यात्रियों और पायलट के साथ रंजीत भी मारा गया था.
रंजीत के भूत वाली बात अर्जुन और रीना ने अपने साथियों को बधाई, लेकिन उन्होंने विश्वास नहीं किया। बल्कि यह बात विमान यात्रियों से भी छिपा ही गई। वरना यह सारे यात्री डर जाते और उड़ान में विघ्न पड़ सकता था। इसलिए विमान के समस्त स्टाफ में अविश्वास करने के बावजूद भी यह बात सब से छुपा ली।
अभी कुछ घंटों की यात्रा ही तय की गई थी कि लैंड करने से पहले ही विमान के इंजन में खराबी आ गई मरम्मत के लिए उस विमान को बीच रास्ते में ही उतरना पड़ा। मरम्मत के बाद विमान की परीक्षण उड़ान की गई विमान आसमान में उड़ा अभी वह ऊंचाइयों को स्पष्ट भी नहीं कर सका था कि जेट का इंजन किसी बम की तरह फट पड़ा। मरम्मत के बाद विमान की यह परीक्षण उड़ान नहीं होती तो नियमित उड़ान के दौरान जाने कितने यात्री मौत के मुंह में चले जाते। पर यह शुक्र था।
फ्लाइट इंजीनियर रंजीत के भूत का बताया सच बोला उस दिन अपेक्षित सावधानी ना की गई होती तो स्थिति ना बने क्या होती यह सब उड़ान सुरक्षा संगठन के रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया ऐसे ही एक दिन निमित्त उड़ान से पहले जब प्राइस टारगेट में फ्लाइट इंजीनियर प्रवेश किया तो उसने अपनी सीट पर किसी को बाकी दिखा उसने फ्लाइट इंजीनियर वाली वर्दी पहनी हुई थी सीट पर बैठा वह आदमी कल पुर्जों को छेड़ रहा था अपने स्थान पर किसी अन्य को बैठा देखकर फ्लाइट इंजीनियर की रानी का ठिकाना ना रहा उसने पूछा
"अरे कौन हो क्या कर रहे हो " उसके पूछने पर वहां बैठा व्यक्ति उसकी तरफ पलटा तो बैठे व्यक्ति की शक्ल देखकर फ्लाइट इंजीनियर घबरा गया वह रंजीत था।
"विमान पूरी तरह से ओके हैं मैं उसके पास की जांच कर रहा हूं " उसकी तरफ घूमे रंजीत ने कहा।
इसके साथ ही वहां सीट खाली पड़ी थी।
घबराहट में फ्लाइट इंजीनियर की हालत खराब हो गई थी मुश्किल से अपने आप को संभालते हुए उसमें अपने अधिकारी को रिपोर्ट दी
इस बात की पुष्टि उस अधिकारी ने स्वय करने की सोची जब एक रात विमान वापिसी की समय यात्रा कर रहा था वह प्रत्येक हिस्से का मुआयना करता वह पार्ट्स पैनल बोर्ड के पास पहुंचा तो वहां रंजीत बैठा हुआ बड़े ध्यान निरीक्षण कर रहा था एक बार वह तो उसे भी अपनी आंखों पर विश्वास नहीं आया था कुछ देर बाद रंजीत गायब हो गया था। वैसे तो भूत-प्रेत के नाम से ही विश्व की जान फस जाते हैं लेकिन रंजीत के भूत का बर्ताव पूरी तरह से मित्रता पूर्वक था इसलिए उसके कारण विमान के स्टाफ को कभी कोई परेशानी नहीं हुई थी.
1978 में वह विमान पायलट भी देखा गया जो रंजीत के साथ ही दुर्घटना का शिकार हुआ था।
क्षतिग्रस्त विमान के पार्ट्स लगाकर बनाए गए नये विमान में इंडियन एयरलाइंस के उपाध्यक्ष यात्रा कर रहे थे इंडियन एयरलाइंस की वर्दी में सुसज्जितएक कैप्टन उनके बराबर में बैठा हुआ था और उनसे बात कर रहा था तभी हैरत के मारे उसकी आंखें फटी की फटी रह गई क्योंकि उसकी नजर उसके चेहरे पर चली गई थी.
वह सोचने लगे वह सपना है या सच असल में जो पायलट पिछले साल विमान दुर्घटना में मारा गया था इस समय उसके बराबर में वही बातें कर रहा था इस बात पर हैरान था कि कोई मरा हुआ आदमी वहां कैसे बैठा था. वह खड़े होकर भागते हुए पायलट केबिन में जा पहुंचे और वहां से स्टाफ के लोगों को लेकर आए लेकिन अब वहां कोई ना था.
लाख छुपाने के बाद भी इस विमान में दो-दो भूतो की कहानी आम लोगों में फ़ैल गई और लोह्ण बंद कर दिया।
जबकि यात्रियों ने यह समझने का भी प्रयास ही नहीं किया कि उन दोनों ने कभी भी किसी को कोई क्षति पहुंचाने का प्रयास नहीं किया था उल्टे मदद ही करते देखे गए थे आखिर कंपनी अधिकारियों और स्टाफ ने विमान में मरने वाले मृतकों की आत्मिक शांति के लिए विशेष प्रार्थना का आयोजन ना चाहते हुए भी किया तब जाकर उस से मुक्त हुए। फिर कोई दुबारा उसमे भूत नहीं दिखा।
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